- कोरोना काल में राज्यों के राजस्व में भारी मात्रा में कमी आई. ऐसे में शराब और पेट्रोल ने राज्यों को सबसे ज्यादा राहत पहुंचाई.
कानपुर: केन्द्रिय रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के कारण राज्यों के राजस्व में जबर्दस्त कमी आई. जाहिर है कि कोरोना वायरस के कारण देश ही नहीं विश्व की लगभग सभी छोटी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की कमर टूट गई थी. जोकि धीरे-धीरे पटरी पर लौटती सी दिख रही है.
गौरतलब है कि राज्यों की कमाई के तीन मुख्य स्रोत हैं. जिसमें स्टेट जीएसटी, स्टाम्प ड्यूटी और केंद्र से मिलने वाले टैक्स का हिस्सा शामिल है. कोरोना के कारण तीन महीने जीएसटी में 70 फीसदी तक कमी आई. यही स्थिति स्टाम्प ड्यूटी और केंद्र से मिलने वाले टैक्स में हिस्सेदारी की रही. आरबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में पेट्रोल, डीजल और शराब ने बेहाल राज्यों की सेहत में सुधार किया.
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शराब और पेट्रोल से राज्य को औसतन 25 से 35 फीसदी तक आमदनी होती है. इसलिए 19 राज्यों ने शराब के दाम औसतन 20 फीसदी तक बढ़ाए. 16 राज्यों ने पेट्रोल की कीमत 1 से 5 रुपए तक बढ़ा दीं. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के बाद सबसे पहले शराब की दुकानें क्यों खोलीं गईं थीं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि शराब राजस्व के लिहाज से कितनी अधिक जरुरी है.